Sunday, October 16, 2016

कोर्निया अंधत्व मुक्त भारत पर गोष्ठी





गुलाबी नगर विचार मंच में आज कोर्निया अंधत्व मुक्त भारत पर साप्ताहिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस विषय पर बोलते हुए "सक्षम" के प्रांतीय अध्यक्ष अभिषेक सिंघवी ने कहा की एक अनुमान के अनुसार राजस्थान में लगभग १० लाख लोग कोर्निया अंधत्व से पीड़ित हैं. गरम और रेगिस्तानी प्रदेश होने के कारण यहाँ कोर्निया के रोगग्रस्त होने की सम्भावना अधिक है. साथ ही आँखों में चोट लगना भी इस प्रकार के अंधत्व का एक विशेष कारण होता है. चूँकि चोट ज्यादातर छोटे बच्चों को लगती है इसलिए उनका सम्पूर्ण जीवन अंधकारमय हो जाता है.

अभिषेक सिंघवी एवं डा. रविशंकर गुलाबी नगर विचार मंच में 
अभिषेक सिंघवी ने आगे कहा की सम्पूर्ण भारत को कोर्निया अंधत्व से मुक्त करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भैया जी जोशी ने इसी वर्ष मार्च के महीने में कोर्निया अंधत्व मुक्त भारत अभियान (CAMBA) की शुरुआत की और २०१८ तक भारत को इस अभिशाप से मुक्त करने का संकल्प लिया. संघ के ही एक प्रकल्प "सक्षम" के माध्यम से इसे कार्यान्वित किया जा रहा है.

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीन स्तर पर काम करना है. १. कोर्निया अंधत्व से पीड़ित रोगी की पहचान, २. नेत्रदान के लिए जागरूकता पैदा करना ३. नेत्र प्रत्यारोपण एवं उसके बाद की देखभाल.

गुलाबी नगर विचार मंच के अतिरिक्त संयोजक ज्योति कोठारी ने कहा की अनेक सामाजिक संस्थाएं जयपुर में अंधत्व निवारण की दिशा में काम कर रही है उनके साथ गठवन्धन कर इस काम में तेजी लाइ जा सकती है. साथ ही स्कूल- कॉलेजों में जा कर विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करना इस अभियान को संवल प्रदान करेगा. उन्होंने इस दिशा में किये गए सभी कार्यों के लिए मंच द्वारा सहयोग देने का आश्वासन दिया.

अध्यक्षीय उद्बोधन में सक्षम के प्रांतीय सचिव डा. रविशंकर शर्मा ने कहा की अंधत्व चार कारणों से होता है जैसे आँखों की नस का काम नहीं करना (लाइलाज), रेटिना की खराबी, कोर्निया जनित एवं मोतियाबिंद आदि. मोतियाबिंद का इलाज व्यापक पैमाने में हो रहा है और कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपण कर इस बीमारी से छुटकारा मिल रहा है परंतु कोर्निया केवल प्राकृतिक रूप से ही प्राप्त हो सकता है और मृत व्यक्ति द्वारा किया गया नेत्रदान ही इसका एक मात्र उपाय है.

एक व्यक्ति से दो कोर्निया प्राप्त होता है और आधुनिक तकनीक के उपयोग से इसके द्वारा ६ आँखें रोशन की जा सकती है. आइये हम सब मिलकर नेत्रदान करने का संकल्प करें एवं लोगों को इसके लिए प्रेरित करें जिससे भारत शीघ्र ही कोर्निया अन्धत्व के अभिशाप से मुक्त हो.

गोष्ठी में तेजकरण पराशर ने भी अपने विचार व्यक्त किये एवं अंत में मंच के अतिरिक्त संयोजक प्रदीप चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

Thanks,
Jyoti Kothari
Additional Convener,
Gulabi Nagar Vichar Manch

No comments: